बेवकूफों को अक़ल आ गयी
जालिमों को रहम आ गया
शजर में बेवक्त फूल आ गया
आसमान में अचानक बादल छा गया
वाह ! क्या ज़माना आ गया
नैतिकता पर चल रहे लोग
शर्म के मारे घरों में दुबक गएँ
गुंडे मवाली चोर उचक्कों
के मन में नीतिओं का उबाल आ गया
वाह ! क्या ज़माना आ गया
चोरों ने चौकीदारी हथिया ली
चौकीदारों ने समाधी लगा ली
अब चोरी बंद हो गयी है
बस चौकीदारी टैक्स अच्छा खासा हो गया
वाह ! क्या ज़माना आ गया
मंसूर